निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया है. यह जानकारी गृहमंत्रालय ने दी है. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की फांसी की सजा को बरकरार रखने की सिफारिश की है. वहीं इस पर निर्भया की तरफ से वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि हम लड़ाई के करीब पहुंच गई हैं और ये खुशी की बात है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका को खारिज कर दिया है. इसका असर देशभर के ऐसे मामलों पर पड़ेगा.
Ministry of Home Affairs (MHA) Sources: One of the convicts of 2012 Delhi gang rape case, Mukesh’s mercy plea has been rejected by President Kovind, MHA has received the communication. pic.twitter.com/uwg3PMudG1
— ANI (@ANI) January 17, 2020
गौरतलब है कि विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है. हालांकि विनय के पास अभी मर्सी पिटीशन का रास्ता बचा हुआ है. विनय ने अभी तक मर्सी पिटीशन दाखिल नहीं की है. इस मामले में अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन ने अबतक न तो क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है, और ना ही मर्सी पिटीशन.
वही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दया याचिका खारिज करने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा और आरपीएन सिंह ने दोषियों को जल्द सजा दिए जाने की मांग की है. बता दें कि आज ही डेथ वारंट पर कोर्ट में सुनवाई होनी है.
वहीं दूसरी तरफ फांसी को लेकर चल रही राजनीति और फांसी पर देरी को लेकर निर्भया की मां ने निराशा जताई है. इस मामले में मनीष सिसोदिया और प्रकाश जावड़ेकर के बयान पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि जब 2012 में घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, खूब नारे लगाए, खूब रैली की लेकिन अब वही लोग एक बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि वह मोदी जी से हाथ जोड़कर कहना चाहती हैं कि 2014 में आपने कहा था बहुत हुआ नारी पर वार अबकी बार मोदी सरकार, प्रधानमंत्री जी एक बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दें. चारों दोषियों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाएं और दिखाएं की हम नारी पर अत्याचार नहीं होने देंगे.