पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश की जनता को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के जरिये पीएम अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की जनता से रूबरू होते हैं. यह उनके ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 69 वां एपिसोड था.
इस कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में दो गज की दूरी की अहमियत बताई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि इस संकट में परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम किया है.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहानी सुनाने के महत्व को भी बताया. प्रधानमंत्री ने कहा, ”इतने लम्बे समय तक, एक साथ रहना, कैसे रहना, समय कैसे बिताना, हर पल खुशी भरी कैसे हो ? तो, कई परिवारों को दिक्कतें आई और उसका कारण था, कि, जो हमारी परम्पराएं थी, जो परिवार में एक प्रकार से संस्कार सरिता के रूप में चलती थी, उसकी कमी महसूस हो रही है, ऐसा लग रहा है, कि, बहुत से परिवार है जहाँ से ये सब कुछ खत्म हो चुका है, और, इसके कारण, उस कमी के रहते हुए, इस संकट के काल को बिताना भी परिवारों के लिए थोड़ा मुश्किल हो गया, और, उसमें एक महत्वपूर्ण बात क्या थी? हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं.
वहीं पीएम मोदी ने इस दौरान महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा, गांधी जी के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक हैं. 2 अक्टूबर हमारे लिए प्रेरक और पवित्र दिवस है. तो वहीं शहीद भगत सिंह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भगत सिंह का जज्बा हमारे दिलों में होना चाहिए. भगत सिंह का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है. शहीद वीर भगत सिंह का नमन करता हूं. उस 23 साल के युवक से अंग्रेजी हुकूमत डर गई थी. प्रधानमंत्री ने कहा, कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनायेंगे. मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं.
बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले 30 अगस्त को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था. अपने पिछले संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत में खिलौनों के लिए एक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए देश में स्टार्टअप तेज करने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि भारत को खिलौनों के उत्पादन का केंद्र बनना चाहिए. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई थी कि दुनिया में खिलौना उद्योग का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है. लेकिन उसमें भारत का हिस्सा बहुत कम है.
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