भारत में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की मांग बढ़ सकती है. डेलॉयड (Deloitte Survey) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कार खरीदारों पेट्रोल-डीजल कारों का विकल्प तलाश रहे हैं.
बढ़ती महंगाई में कार चलाना काफी महंगा हो गया है. बीते कुछ सालों में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में जिस तरह से तेजी आई है, इससे लोगों की जेब और घर का बजट दोनों बिगड़ गया है. यही वजह है कि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल या सीएनजी कारों (CNG Cars) को खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
डेलॉयड के एक सर्वे के मुताबिक 40% से ज्यादा भारतीय कार खरीदार पेट्रोल और डीजल के विकल्प की तलाश कर रहे हैं. सर्वे में पाया गया कि 5 में से 2 कार खरीदार अपने अगले वाहन के लिए पेट्रोल और डीजल के अलावा अन्य विकल्पों के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन वे इसके लिए एक बड़ा प्रीमियम देने को तैयार नहीं हैं.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खोज तेज
सर्वे में सामने आया कि लोग हाइब्रिड और सीएनजी जैसे विकल्पों को पसंद करते हैं. सर्वे में शामिल लगभग 1000 भारतीयों में से लगभग 5% इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) खरीदने पर विचार कर रहे हैं, जो एक साल पहले से 4% से अधिक है. इसके अलावा कार खरीदारों के ऑल-इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों को अपनाने के पीछे जलवायु परिवर्तन के बारे में उनकी चिंता भी एक बड़ा कारण है. दिल्ली जैसे शहर दुनिया में सबसे प्रदूषित शहरों में आते हैं.
स्टडी के मुताबिक भारतीय उपभोक्ता क्लाइमेट चेंज, प्रदूषण के स्तर और डीजल वाहनों के उत्सर्जन को लेकर परेशान थे, जो दिखाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में लोगों की दिलचस्पी ‘कम ईंधन लागत, पर्यावरण जागरुकता, और बेहतर ड्राइविंग अनुभव’ के कारण है. वहीं अब देश की राजधानी दिल्ली में कार खरीदारों को पुरानी पेट्रोल और डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में कनवर्ट करने का विकल्प मिलने जा रहा है.
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