
Category: POETRY
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मेरे शहर में तुम खाली से मंका ढूंढते हो

मैं पीने की, मैं खानों में जाने की, आदत बहुत है हमको

VAISE TO TOO MERA SAAYA THA NAHI

VO LADKEE MERE MAN KA (वो लड़की मेरे मन का)

कोई पागल समझता है, कोई दीवाना समझता है

शायर हूं मैं (नई शायरी)

वो लड़की मेरे मन का उजला सा दर्पण

मैं पीने की, मैं खाने में जाने की

शायर हूं मैं

उनको अपनी चाहतों का कुछ यूँ गुमाँ हो बैठा

तिनका तिनका कर मैं भ्रम बुनता गया

जाने क्यों तेरी तारीफ करना दिल को

प्यार में तिरस्कार

हम जीने की जद्दोजहद करते रहे

दोस्ती के जमाने (POETRY)

खाली किताबों के पन्नों पर

वो समुंदर की गहराई जैसा है

उसकी खामोश आँखों में, मैं अक्सर अपना पता ढूंढता हुं

मेरे एक अल्फाज की बेबसी

ए ग़ालिब बहुत आए होंगे तेरी महफ़िल में

दिवाना हूँ मैं उसका

मेरी प्यारी माँ

सच कीअधूरी कहानी

मैं देश में बिखरा हुआ बस एक प्रचार हूंं

मैं अपना हर ग़म क़लम की स्याही को दे दूं

तुझ को याद करके

अपनी ही खलिश

वो दो कदम क्या साथ चल दिया

अब तो कोई मेरे दर्द को हवा दे!

मैं जिंदगी अपनी बहुत दूर छोड़ आया

तेरी तारीफ में दो अल्फ़ाज़
