अलीगढ़ के धर्म समाज महाविद्यालय पहुंचे आगरा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर अशोक मित्तल का छात्रों ने किया जबरदस्त विरोध, पिछले कई दिनों से विधि के छात्र फेल होने के कारण कर रहे थे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन, धर्म समाज कॉलेज में छात्र पिछले 22 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. वाइस चांसलर के विरोध के दौरान डीएस कॉलेज के प्रोफेसरों के साथ जमकर छात्रों की हुई तू-तू मैं-मैं, हालात ऐसे आ गए कि कॉलेज में पुलिस को दखल देना पड़ गया. छात्रों का विरोध प्रदर्शन भी वाइस चांसलर को डिगा नहीं सका और छात्रों की मांग को उन्होंने मानने से साफ इंकार कर दिया.
दरअसल धर्म समाज महाविद्यालय के BA LLB व LLB अंतिम वर्ष के लगभग 97 परसेंट छात्र इस बार फेल हो गए हैं, छात्र रिजल्ट निकलने के बाद से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी मांग है कि उनकी कॉपियों को दोबारा चेक कराया जाए व परीक्षा ओएमआर शीट से ना होकर लिखित परीक्षा कराई जाए. लेकिन पिछले 22 दिनों से कॉलेज प्रशासन व आगरा यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों को कोई भी राहत नहीं दे सका है। आज जब आगरा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर अशोक मित्तल कॉलेज में एपीजे कलाम की मूर्ति का अनावरण करने आए तो धरनारत छात्रों ने वाइस चांसलर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व उनका विरोध किया.
इस दौरान कॉलेज के प्रॉक्टर मुकेश कुमार व प्राचार्य सहित कई प्रोफेसरों के साथ छात्रों की जमकर बहस भी हुई. छात्र नेता अमित गोस्वामी ने अपनी शर्ट उतार दी. छात्रों के हंगामे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को भी कॉलेज कैंपस में बुला लिया. छात्रों की VC अशोक मित्तल के साथ बातचीत हुई लेकिन वाइस चांसलर ने उनकी मांग को ठुकरा दिया और गाड़ी में बैठ कर चले गए.
वहीं मीडिया से बात करते हुए वाइस चांसलर ने कहा कि इसमें आधे से ज्यादा छात्र नहीं है. उनका बस यही है कि किसी तरह उनको पास घोषित कर दिया जाए. जब वह फेल हो गए और आप पढ़े नहीं और आप कानून के विद्यार्थी हैं. काफी पहले समय से मालूम है कि वह कितना पढ़ते हैं. अब वह कह रहे हैं कि वह ओएमआर शीट से परीक्षा ना कराएं. जब कोरोना काल में अध्यापक नहीं आएगा तो एग्जाम कैसे होगा. इनको नारे लगाने दीजिए. ये किसी न किसी तरीके से जो व्यवस्था चल रही है वह बंद करना चाहते हैं. मैंने बहुत विचार कर लिया और हम जिस पैटर्न पर मुख्य परीक्षा होती है उसी पैटर्न पर परीक्षा करेंगे.
प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना था कि लापरवाही के चलते 97 परसेंट छात्रों को फेल कर दिया है. 22 दिन से छात्र आंदोलनरत हैं. आज आगरा यूनिवर्सिटी के जब वीसी आए तो छात्रों ने बहुत लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात को उन तक रखने का प्रयास किया. लेकिन कॉलेज प्रशासन की तानाशाही के चलते छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया।.छात्रों के बीच में छात्रों की बात मानने से इनकार कर दिया. अब अपनी आवाज लोकतांत्रिक तरीके से कहेंगे. छात्रों के भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है.
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