दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बावजूद भी दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई. लोगों ने खुले आम एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ायी. इसका नतीजा ये हुआ कि पहले से ही खराब दिल्ली की हवा गंभीर स्थिति में जा पहुंची. पटाखे जलाने के कारण कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 1000 के करीब पहुंचा गया. दिल्ली के कई इलाकों में खुलेआम पटाखे जलाए गए, और दिल्ली में लगातार आतिशबाजी होती रही. जिसके कारण चारों तरफ धुंध छाई रही.
बता दें कि दिवाली की रात हुई आतिशबाजी के चलते दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में जा पहुंचा है. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक पहुंच गया. पूरी दिल्ली रात के वक्त दिवाली के पटाखों के प्रदूषण की चादर से लिपटी रही. जहां प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आधी रात में सदर बाजार इलाके में पानी का छिड़काव किया. वहीं नॉर्थ दिल्ली के मेयर जयप्रकाश हॉट स्पॉट एरिया में फॉगिंग कराते नजर आए ताकि बढ़े हुए प्रदूषण को कम किया जा सके.
वहीं आतिशबाजी की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर के आनन्द विहार में AQI 451 से बढ़कर 881, द्वारका में 430 से बढ़कर 896 और गाजियाबाद में 456 से बढ़कर 999 पहुंच गया. द्वारका में 430, आईटीओ में 449, चांदनी चौक में 414 और लोधी रोड में एयर क्वालिटी इंडेक्स 389 दर्ज किया गया. रात 12 बजे दिल्ली के आरके आश्रम और मदर डेयरी में भी AQI लेवल 999 रिकॉर्ड किया गया.
बता दें कि अगर AQI लेवल 400 के ऊपर चला जाए तो इसका मतलब सांस की बीमारी वालों के लिए बेहद खतरनाक होता है. कोरोना काल में ये और भी ज्यादा डराने वाला है. दिल्ली ही नहीं पूरे एनसीआर की ही ऐसी हालत थी. इंडिया गेट, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम हर तरफ रात भर खूब आतिशबाजी हुई और पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया.
आपको बता दें दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश में 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक है. नियम तोड़ने वालों पर 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन दीवाली पर दिल्लीवालों ने नियमों को ताक पर रखकर जमकर आतिशबाजी की.