इराक की राजधानी बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास पर एक बार फिर रॉकेट दागे गए हैं. त्यक्षदर्शियों ने बताया कि कम से कम दो रॉकेट दूतावास के पास गिरे. हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है. जबकि इस से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ही ईरान को चेतावनी देते हुए दोबारा हमला न करने की हिदायत दी थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर फिर से हमले होते हैं तो ईरान को तबाह कर दिया जाएगा. वहीं ईरानी सेना ने पलटवार करते हुए कहा था कि अमेरिका में युद्ध करने का साहस नहीं है.
परमाणु समझौते से पीछे हटा ईरान
इसी के साथ ईरान ने अपने ऊपर लगे परमाणु कार्यक्रम को संचालित करने वाले प्रतिबंध को भी हटा लिया है. ईरानी मीडिया ने यह जानकारी दी. ईरानी राज्य टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा.
आपको बता दें कि ईरान परमाणु समझौते से पीछे हटने के पांचवें चरण को अंतिम रूप दे चुका था. इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने रविवार को कहा, पांचवें चरण के संबंध में निर्णय पहले ही हो चुका था, मगर मौजूदा हालात को देखते हुए रविवार रात एक महत्वपूर्ण बैठक में अहम बदलाव किए गए हैं. ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच 2015 में परमाणु समझौते पर सहमति हुई थी, मगर अमेरिका 2018 में इससे पीछे हट गया था.
At least two rockets hit near US embassy in Baghdad (Iraq), witnesses tell AFP: AFP news agency
— ANI (@ANI) January 5, 2020
ट्रंप ने किया था समझौते से अमेरिका को अलग
2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ यह समझौता हुआ था. पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. इसके बाद से ही विश्व शक्तियों के बीच हुए इसके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. इस परमाणु करार में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और रूस भी शामिल हैं. मई से लेकर अब तक ईरान ने ऐसे अनेक कदम उठाए हैं, जो 2015 के समझौते की शर्तों का उल्लंघन करते हैं. इनमें यूरेनियम संवर्धन का काम भी शामिल है. ईरान ने कहा था कि अमेरिका 2018 में इस करार से हट गया और उसने तेहरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद समझौते के तहत उसे अधिकार है कि वह जवाबी कार्रवाई करे.