जेएनयू हंगामे के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया. इसी के साथ दिल्ली में आचार संहिता भी लागू हो गई है. दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, और 11 फरवरी को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा. बता दें कि विधानसभा चुनाव में एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला है, एक ओर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं, अभी की विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी, 2020 को खत्म हो रहा है. चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग, पुलिस के साथ बैठक की गई थी. इसी के साथ इस बार वोटरों को पोलिंग बूथ पर आने के लिए पिक अप-ड्रॉप मिलेगा. इसकी जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जाएगी और एक नंबर भी जारी किया जाएगा.
Chief Election Commissioner Sunil Arora on Delhi assembly elections: Date of poll is 8th February, 2020 and counting of votes will take place on 11th February. pic.twitter.com/1mv9Sa59ep
— ANI (@ANI) January 6, 2020
वरी को नाम वापस लेने के आखिरी तारीख होगी. 8 फरवरी को होने वाले मतदान में दिल्ली के 1.46 करोड़ मतदाता नई सरकार चुनेंगे. सथा ही 3750 बूथों पर वोटिंग होगी. 90,000 कमर्चारी चुनाव प्रक्रिया में जुटेंगे और चुनाव खर्च को लेकर सख्त नियमों का पालन किया जाएगा. इसी के साथ इस बार वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इन्हें घर से ही वोटिंग की सुविधा मिलेगी.
Chief Election Commissioner Sunil Arora on Delhi assembly elections: Total electors in NCT of Delhi are 1,46,92,136; Polling to be held at 13,750 polling stations pic.twitter.com/Pc26L88Fhd
— ANI (@ANI) January 6, 2020
बता दें कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रचा था, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ तीन सीटें हासिल की थीं तो 15 सालों तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी. देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव हमेशा ही दिलचस्प होता है. यहां से निकले जनादेश का संदेश पूरे देश में जाता है. दिल्ली में करीब डेढ़ करोड़ वोटर हैं जो राज्य सरकार की किस्मत का फैसला करेंगे.
पार्टियों के क्या है मुद्दा?
आम आदमी पार्टी – सत्ताधारी दल इस बार अपने पांच साल के काम पर आगे बढ़ रहा है. जिसमें मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक को फ्रंट पर रखकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा ठोका जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी – 2019 में बीजेपी एक बार फिर चुनाव जीतकर आई है, ऐसे में उसे उम्मीद है कि कुछ मोदी मैजिक काम आएगा. हाल ही में अनाधिकृत कॉलोनियों को मोदी सरकार ने पक्का किया है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहेगी. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सातों लोकसभा सीटें जीती थीं. हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार ना होना बीजेपी के लिए हानिकारक हो सकता है.
कांग्रेस – कांग्रेस पार्टी ने 2015 में खाता भी नहीं खोला था, ऐसे में इस चुनाव में उसकी कोशिश कुछ सीटें जीतनी की तो होंगी. इसके अलावा पार्टी ने कुछ लोकलुभावन वादे भी किए हैं, जिसके जरिए वह दिल्ली में खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है.