वो लड़की मेरे मन का उजला सा दर्पण लगती है
भीगती बारिश में जैसे छत पर कोई यौवन लगती है
सुनहरी सी धूप की वो पहली किरण लगती है
वीणा के तारों से टकराने वाली जैसे कोई धुन लगती है।
VO LADKEE MERE MAN KA (वो लड़की मेरे मन का)

वो लड़की मेरे मन का उजला सा दर्पण लगती है
भीगती बारिश में जैसे छत पर कोई यौवन लगती है
सुनहरी सी धूप की वो पहली किरण लगती है
वीणा के तारों से टकराने वाली जैसे कोई धुन लगती है।