पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने 12.07 बजे अंतिम सांस ली. वह 67 साल के थे. 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के बाद अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था. अनुभवी डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा था. शनिवार सुबह ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उन्हें देखने पहुंचे थे.
जेटली के निधन से देशभर में शोक की लहर है. विभिन्न दलों के नेताओं ने भी दुख जताया है. गृहमंत्री अमित शाह ने दुख जताते हुए कहा कि अरुण जेटली के निधन से अत्यंत दुःखी हूं. जेटली का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा कि उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा.
अपने अद्वितीय अनुभव और विरले क्षमता से अरुण जी ने संगठन और सरकार में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया।
एक प्रखर वक्ता और समर्पित कार्यकर्ता अरुण जी ने देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और राज्य सभा में नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों को पूरी कुशलता से निभाया।
— Amit Shah (@AmitShah) August 24, 2019
कांग्रेस ने दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है. कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा, ‘‘हमें अरुण जेटली जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ है. दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना उनके परिवार के साथ हैं.
We are deeply saddened to hear the passing of Shri Arun Jaitley. Our condolences to his family. Our thoughts and prayers are with them in this time of grief. pic.twitter.com/7Tk5pf9edw
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
वहीं अरुण जेटली के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात से जेटली के परिवार से बात की है. पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी और उनके बेटे से बात की और संवेदना जाहिर की है. अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में 12 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया. पीएम मोदी इस वक्त विदेश के दौरे पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जेटली के परिवार ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे अपना विदेश दौरा रद्द ना करें. पीएम ने ट्वीट कर जेटली के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है.
बता दें कि अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दूसरे नंबर के सबसे अहम शख्सियत माने जाते थे. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी अहम भूमिका निभाई थी. शुरुआती करियर की बात करें तो 1990 में अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील में रूप में नौकरी शुरू की. वीपी सिंह सरकार में उन्हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. उन्होंने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क भी किया. जेटली देश के टॉप 10 वकीलों में से एक माने जाते रहे हैं.
कारवां मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार स्वप्न दास गुप्ता बताते हैं कि 1999 जैसे-जैसे टीवी की महत्ता बढ़ती गई, वैसे-वैसे जेटली का ग्राफ भी चढ़ता गया. स्टूडियो में वे इतने लोकप्रिय मेहमान बन गए थे कि जब पत्रकार वीर सांघवी ने उनके मंत्री बनने के तुरंत बाद उनका स्टार टीवी पर इंटरव्यू किया तो उन्होंने मजाक किया कि इस कार्यक्रम में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि मेरा मेहमान मुझसे ज्यादा बार टीवी पर आ चुका हो.
राम जेठमलानी के कानून, न्याय और कंपनी अफेयर मंत्रालय छोड़ने के बाद जेटली को इस मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. 2000 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें कानून, न्याय, कंपनी अफेयर तथा शिपिंग मंत्रालय का मंत्री बनाया गया.
1991 में बीजेपी के सदस्य बने
जेटली 1991 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने. प्रखर प्रवक्ता और हिन्दी और अंग्रेजी-भाषाओं में उनके ज्ञान के चलते 1999 के आम चुनाव में बीजेपी ने उन्हें प्रवक्ता बनाया. अटल बिहारी सरकार में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया. इसके बाद उन्हें विनिवेश का स्वतंत्र राज्यमंत्री बनाया गया.
जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्ली के नारायणा विहार इलाके के मशहूर वकील महाराज किशन जेटली के घर हुआ. इनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के सेंट जेवियर स्कूल में हुई. 1973 में इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने यहीं से लॉ की पढ़ाई की. छात्र जीवन में ही जेटली राजनीतिक पटल पर छाने लगे. वह 1974 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष चुन लिए गए.
1974 में अरुण जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए. 1975 में आपातकाल का विरोध करने के बाद उन्हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया. 1973 में उन्होंने जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई.